हम सभी, किशोरों में अपराधिक गतिविधियों में भाग लेने, व्यसनों, हिंसा, आक्रमकता, गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग आदि जैसी समस्याओं में वृद्धि के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। जबकि बच्चों की प्रत्येक पिढ़ी होशियार होने लगी है, उनके भावनात्मक और सामाजिक कौशल गिरते हुए नजर आ रहे है।
चेतना एम्पॉवरमेंट फाउन्डेशन मुख्य रूप से स्कूल के छात्रों (किशोरों) के बीच घटते मूल्यों कि समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है। हम 2012 से राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में मूल्य शिक्षा के साथ छात्रों को समृद्ध बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। गिरते हुये शैक्षणिक एवं सामाजिक स्तर को उपर उठाने के लिए मूल्याधारित शिक्षा समय की मांग हैI
इसी उद्देश को सामने रखते हुऐ, चेतना एम्पॉवरमेंट फाउन्डेशन ने ‘Empower Child Through Living Values’ इस कार्यक्रम का आयोजन आने-वाले वर्षं मे आसपास के 25 गावों के 20 स्कूल ,(2000 विद्यार्थी एवं 1000 शिक्षकों) के लिए करना सुनिश्चित किया है I आज के परिपेक्ष में, बचपन से मूल्यों पर ‘बोलें, सोचें और कार्य करें’ के लिए समय की सख्त आवश्यकता है। यदि हम बचपन में मूल्यों को प्रदान करने में सफल होते हैं तो हम हजारों स्वस्थ वयस्कों का निर्माण कर सकते हैं जो स्वस्थ परिवार और राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं|
इसलिए, बच्चों के लिए चेतना एम्पॉवरमेंट फाउन्डेशन द्वारा एक पहल के रूप में ‘मूल्य शिक्षा’ से विद्यार्थी दशा में मन सशक्त करने का संकल्प लिया है। 06-12-2021 को ‘Empower Child Through Living Values’ इस प्रकल्प का Launching किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजयोगी डॉ. मृत्युंजय (डायरेक्टर ’क्लीन द माइंड, ग्रीन द अर्थ ,वाइस चेयरपर्सन एजुकेशन विंग।) डॉ. निलेश गटने (सीईओ) जिला परिषद, एल.जी. गायकवाड़ जिला परिषद उपाध्यक्ष, और भारतीय योग संस्थान उपाध्यक्ष डॉ. उत्तम कालवणे उपस्थित थे ।
अतिथि राजयोगी डॉ. मृत्युंजय ने कहा कि, हमारा मुख्य उद्देश्य मानवीकरण और मानवीकरण का अध्यात्म होना चाहिए, लेकिन आज की शिक्षा हमें और अधिक स्वार्थी बना रही है। बच्चे अप्राधिकरण और व्यसन में अधिक लिप्त होते नजर आ रहे है। एक आम का पेड़ एक बार लगाने के बाद 30 से अधिक वर्षों में 50,000 से अधिक फल देता है, यह स्वयं का एक भी फल नहीं खाता है। आज के जीवन में बच्चों के पास शिक्षा तो है लेकिन उनके जीवन में शिक्षा का कोई मूल्य नहीं है। इस कार्यक्रम से कई बच्चे लाभान्वित होंगे।
आये हुए अतिथियों का स्वागत एवं प्रकल्प की संकल्पना चेतनाअध्यक्ष विवेकजी रांदड़ ने किया और इसे किस प्रकार लागू किया जायेगा एवं इसके परिणाम भी बताये|
चरण- I: एक स्कूल सप्ताह में एक बार 10 कोर वैल्यू मॉड्यूल (75 मिनट) आयोजित करेगा
चरण – II: 50 स्कूलों के 1000 शिक्षक ‘शिक्षक प्रशिक्षण’ कार्यशाला के लिए साल में दो बार चेतना हैप्पी विलेज आएंगे।
चरण- III: चेतना हैप्पी विलेज (200 छात्रों के लिए एक वर्ष में दो आवासिय शिविर) में 3 दिवसीय आवासिय बाल शिविर के लिए 1000 में से 100 छात्रों का चयन किया जाएगा।
चरण- IV: में चयनित छात्रों को “चेतना जीवन निर्माण परियोजना” के लिए चयन करने के उद्देश्य से मूल्य शिक्षा के साथ कैरियर परामर्श प्रदान किया जाएगा। बाल शिविर में सभी बच्चों का ‘एप्टीट्यूड टेस्ट’ लिया जाएगा और 10 जरूरतमंद और प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी उच्च शिक्षा के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए इस परियोजना में शामिल किया जाएगा।
चरण-V: शेष 190 छात्रों (चाइल्ड कैंप के 200 छात्रों में से) को वर्ष भर चेतना एनपावरमेंट फाउंडेशन द्वारा ‘मेंटरशिप’ का विशेषाधिकार प्राप्त होगा।
परियोजना के परिणाम:
इससे अपराध दर को कम करने में मदद मिलेगी। मोबाइल, स्क्रीन जैसे डिजिटल उपकरणों का उपयोग कम होगा। प्रत्येक छात्र को मूल्य शिक्षण और सिखने का आनंद मिलेगा। छात्र अपने जीवन के उद्देश्य की गहराई से समझ हासिल करेंगे| बच्चों के व्यक्तित्व का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं में पूर्ण विकास होगा।
शिक्षकों को तनाव प्रबंधन, छात्र भावना प्रबंधन और उन्हें कैसे संभालना है जैसे विषयों पर भी प्रशिक्षित किया जाता है। शिक्षक सक्षम बनेंगे और अपने छात्रों को उनके संबंधित स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए उपलब्ध होंगे।
इस कार्यक्रम में , शिक्षक एवं शुभचिंतक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गायत्री रांदड़ जी ने किया| कार्यक्रम का सार पीपीटी के माध्यम से परियोजना के अवलोकन के साथ प्रस्तुत किया गया और चेतना के सचिव मुरलीजी गूँगे पाटिल द्वारा आभार ज्ञापन दिया गया।
Comments are closed.